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Fake Doctors Arrested in Surat, Gujarat

गुजरात के सूरत में 14 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार 70 हज़ार रुपए की डिग्री लेकर कर रहे थे इलाज

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Fake Doctors Arrested in Surat, Gujarat गुजरात के सूरत में 14 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार 70 हज़ार रुपए की डिग्री लेकर कर रहे थे इलाज

Fake Doctors Arrested in Surat, Gujarat

Fake Doctors Arrested in Surat, Gujarat गुजरात पुलिस के द्वारा सूरत में फर्जी डॉक्टरों की डिग्री देने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कि पिछले लंबे समय से बेरोजगार अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्रियां दे रहे थे। सूरत पुलिस के अनुसार यह गिरोह पिछले 32 साल से कम पढ़े लिखे बेरोजगारों को 70000 रुपए में डॉक्टर की डिग्री दे रहा था। और यह फर्जी डॉक्टर हर साल अपने डिग्री को रेनुवल करवाने के लिए भी ₹5000 देते थे। गुजरात पुलिस के द्वारा इस जीरो को पकड़ा गया जिसमें से एक डॉक्टर तो आठवीं कक्षा पास निकाला वहीं एक फर्जी डॉक्टर सलीम अंसारी भी इसमें शामिल था

जो पिछले कई लंबे समय से फर्जी डिग्री लेकर मरीज का इलाज कर रहा था जिसके इलाज से पिछले तीन-चार दिन पहले एक बच्चे की बहुत भी हो गई थी तब इस मामले की तहकीकात की गई जिसमें अब कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गुजरात पुलिस को इसकी जानकारी मिलने के बाद लगातार गुजरात पुलिस इस पर सख्त एक्शन ले रही है और अलग-अलग इलाकों में छापे मारकर ऐसे फर्जी डिग्री देने वाले गिरोह को पकड़ रही है और उन पर शक्ति से कार्रवाई कर रही है। गिरोह में दो मुख्य आरोपी डॉक्टर रमेश गुजराती और बीके रावत के पास से पुलिस ने सैकड़ो फर्जी एप्लीकेशन और सर्टिफिकेट भी बरामद किए हैं। गुजरात पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने अब तक 1200 से अधिक लोगों को फर्जी डॉक्टर का सर्टिफिकेट बनाकर दे चुका है जिनकी अब जांच की जाएगी।

डिग्री रजिस्ट्रेशन वाली वेबसाइट भी फर्जी

सूरत पुलिस के द्वारा 14 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पता चला है कि

रमेश गुजराती को होम्योपैथिक के सारे नियमों के बारे में जानकारी थी।

इसके अनुसार भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लिए कोई भी अलग से कानून नहीं बनाया गया है।

इसके बाद उनके द्वारा एक प्लान बनाया गया और एक फर्जी वेबसाइट तैयार की गई।

और पांच लोगों को इस में काम दिया गया और पांचो ने मिलकर यह काम शुरू किया।

रमेश गुजराती के द्वारा 3 साल की जगह 2 साल में डिग्री पूरी करवाने और

उन्हें इलेक्ट्रो होम्योपैथिक की दवाई लिखने की ट्रेनिंग दी जाती थी।

और इस काम के लिए उनके द्वारा 70000 रुपए लिए जाते थे।

पूरा पेमेंट करने के बाद 15 दिन के बाद उनके द्वारा डॉक्टर का फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर कर उनको दे दिया जाता था।

जानकारी के अनुसार पता चला है कि उनके द्वारा दिए जाने वाले रजिस्ट्रेशन करने वाली वेबसाइट भी फर्जी है।

सूरत पुलिस को इसके बारे में जानकारी मिलने के बाद पांडेसरा में तीन क्लिनिकों पर छापा मारा गया है।

और वहां से सूरत पुलिस के द्वारा दो और डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है।

और गुजरात पुलिस ने इसकी जांच करने के बाद जो भी सर्टिफिकेट 1200 विद्यार्थियों को दिए गए हैं।

वह सभी सर्टिफिकेट फर्जी घोषित कर दिए गए हैं

और पुलिस के द्वारा लगातार छापे मारकर उनकी टीम पर कार्रवाई की जा रही है।

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